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कोरोना से जंग की कहानी ,डॉक्टर की जुबानी

इंदौर के कोरोना पॉजिटिव डॉक्टर बोले – डरे नहीं ,यह फ्लू जैसा ही है, पॉजिटिव आ भी गए तो उबर जाएंगे

  • कोरोना की दहशत से लोगों का मनोबल न टूटे ,इसलिए डॉक्टर ने हमसे अनुभव साझा किया
  • उन्होंने कहा – शंका होते हआइसोलेट हुए ,इससे परिवार संक्रमित नहीं हुआ,खुद भी ठीक हुए.

फ़ास्ट टेक 
MAR 28,2020,2:28PM IST

सागर। कोरोना वायरस के तीन दिन में कई संक्रमित सामने आने और दो मौतों के बाद लोग डरे हुए हैं। हमने अस्पताल में भर्ती हुए एक डॉक्टर से बात की। उन्होंने कोरोना से पीड़ित होने की कहानी और इससे लड़ने के लिए क्या करना है ,इस बात को बताया। .

अस्पताल में भर्ती डॉक्टर ने बताया ,”मैं जिस प्रोफेशन में हूँ ,उसमें मरीजों से संपर्क निरन्तर चलता रहता है। पिछले सप्ताह मुझे गले में खराश हुई और बुखार आया तो शक हुआ। चेक कराया साथ ही खुद को आइसोलेट कर लिया फेमिली  और मैं अलग अलग कमरे में यहाँ तक की चीजें भी अलग यूज़ करने लगा पहली रिपोर्ट में कुछ साफ़ नहीं हुआ ,फिर सी टी स्कैन में कोरोना के लक्षण दिखे। सैंपल जांच से इसकी पुष्टि हुई . छः दिन पहले मुझे अस्पताल में भर्ती किया,अब ठीक लग रहा है,लेकिन एक बात समझ आई है इस वायरस को हराने  का एक तरीका है की घर पर रहें और सरकार के निर्देशों का सख्ती से पालन करें।


इंदौर में ये कम्युनिटी संक्रमण की तीसरी स्टेज पर

उन्होंने बताया ,”मैं न विदेश गया, न ही किसी ऐसे संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में रहा,फिर भी मुझे कोरोना हुआ,यानि इंदौर में ये कम्युनिटी संक्रमण की तीसरी स्टेज पर आ गया है। बुखार,खांसी और सांस लेने में तकलीफ हो तो आप भी तुरंत डॉक्टर को दिखाएं ,जाँच करवाएं। हाँ ,इसमें मरीज का हौसला बढ़ाना बहुत जरुरी है ,क्योंकि इसे लेकर ज्यादा पैनिक हो गया है। मैं जिस बिल्डिंग में रहता हूँ वहां परिवार भी आइसोलेट हो गया है। पत्नी और बच्चे नॉर्मल हैं,उनकी स्क्रीनिंग हो चुकी है। अस्पताल में उपचार के साथ मैं टीवी देखता हूँ ,दोस्तों और रिश्तेदारों से फ़ोन पे बात करता हूँ ,सब मुझे हिम्मत दे रहे हैं,मेरे साथ खड़े हैं। मैं सबसे यही कहूंगा की यह एक अन्य फ़्लु की तरह का वायरस है, जिसमें मृत्यु दर महज ३ फीसदी है। यानि 97 % लोग ठीक हो जाते हैं। इसलिए डरने की जरुरत नहीं है ,जिन लोगों को डॉयबिटीज़ है,हार्ट और सांस लेने से जुडी परेशान है,उम्र अधिक है तो उन्हें देखभाल की ज्यादा जरुरत है। खूब लिक्विड लें ,अच्छा भोजन लें तो ऐसी बीमारी से बचा जा सकता हैं। “

पत्नी बोलीं-हम डरे नहीं,दूसरों को बचाने का सोचा

डॉक्टर की पत्नी ने कहा -लोग घर बैठे बेवजह के मैसेज सोशल डालने के वजाए जागरूक बनें,खुद की इम्यून पावर बढ़ाएं और रचनात्मक काम करें।अन्य सर्दी खांसी,फ्लू की तरह ये भी ख़त्म हो जाएगा।मेरे पति को हुआ है,पर हम डरे नहीं हैं। ताकि दूसरों को इससे बचा सकें।

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